Loading...
ग्रामीण तथा शहरी जनसंख्या के सभी वर्गों, समुदायों, धर्मों तथा जातियों के विद्यार्थियों को प्रगतिशील शैक्षिक अवसर प्रदान कर उनमें निहित गुणों और क्षमताओं को विकसित करना।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखमे हुए आधुनिक संसाधनों, विधियों, शैक्षिक नवाचारों एवं तकनीकों का प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों को यथा क्षेत्र के नवीन ज्ञान एवं कौशल से अवगत कराना।
विद्यार्थियों को आत्मानिर्भरता, स्वावलंबन, आशावादी दृष्टिकोण, उत्तरदायित्व, उद्यमिता एवं अनुशासन जैसे गुणों के महत्व के प्रति जागरूक कराना जिससे वे वर्तमान एवं भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्याओं एवं चुनौतियों का समाना दक्षतापूर्वक कर सकें।
विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं राष्ट्रीयता के प्रति गौरव का भाव जागृत करना तथा इसके संरक्षण एवं संवंर्धन के लिए स्फूर्ति एवं प्रेरण प्रदान करना।
शिक्षार्थिओं की शारीरिक, मानसिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों का सन्तुलित विकास करना एवं उन्हैं श्रेष्ठ व्यवहार के लिए प्रेरित करना।
विद्यार्थिओं में मानवीय गुणों, सृजनात्मकता एवं रचनात्मकता के विकास हेतु अच्छी आदतों, रूचियों एवं आदर्शों का सृजन करना।
राष्ट्र की प्रगति के लिए विद्यार्थि ओं को नैतिकता एवं जीवन मुल्यों के प्रतिसजग रहने के लिए प्रेरित करना।
विद्यार्थि यों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति, व्यावहारिक बुद्धि, स्वतन्त्र चिन्तन एवं सामाजिक कुशलता जैसे गुणों का विकास करना जिससे वे सामाजिक समस्याओं, बुरीतियों एवं अंधविश्वासों को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
विद्यार्थि ओं को सत्यनिष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ, चरित्रवान एवं समाजोपयोगी बनने के लिए प्रेरित करना।
विद्यार्थिओं को शिक्षा द्वारा सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अधिकारों एवं कत्र्तव्यों के प्रति सचेत करना।
विद्यार्थि ओं में संवेदनशीलता, सहयोग, सहिष्णुगा एवं समायोजन जैसी क्षमता जैसे गुणों का विकास करना।
विद्यार्थि ओं का राष्ट्र एवं समाज की सेवा हेतु प्रेरणा प्रदान करना।